तेज़ रफ़्तार हुआ है, ज़माना इतना के..
लोग मर जाते है, जीने का हुनर आने तक|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेज़ रफ़्तार हुआ है, ज़माना इतना के..
लोग मर जाते है, जीने का हुनर आने तक|
मैं मतलब का मतलब भी नही जानता…
वो मतलब से मतलब रखती है…
कुछ लुत्फ़ आ रहा है– मुझे दर्दे–इश्क में,
जो गम दिया है तूने वो राहत से कम नहीं |
मौसम देख रही हो,
ये चाहता है के फिरसे तुमसे इश्क हो ….
बङा फर्क है,तेरी और मेरी मोहब्बत में..!
तू परखता रहा और हमने यकीन में एक उम्र गुजार दी..!!
बड़े बड़े शुरमा भी मेरे अंदर डूब जाते हैं,
मै हिंदुस्तान हूँ मुझमेँ सिकंदर डूब जाते हैं..!!
मेरे हाथों को मालूम है तुम्हारे गिरेबानों का पता,
चाहूं तो पकड़ लूं पर मजा आता है माफ करने में ।
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!
जब भी ग़ैरों की इनायत देखी
हम को अपनों के सितम याद आए|
तू पंख ले ले और मुझे सिर्फ हौंसला दे दे,
फिर आँधियों को मेरा नाम और पता दे दे !!