जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें…
हमारी शख्सियत कांटा भी है, गुलाब भी है |
Category: प्रेणास्पद शायरी
आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया
आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया..
वो गरीब कुछ न मिलने, पर भी दुआ दे गया ….
अच्छा दहेज न दे सका मैँ
अच्छा दहेज न दे सका मैँ, बस इसीलिए ;
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दुनिया के जितने ऐब थे,
मेरी बेटी मे आ गए….!!
#लाचारपिता
बात छोटी है पर विचारणीय है
बात छोटी है पर विचारणीय है…
जिस धागे की गांठ खुल सकती हो,
उस पर कैची मत चलाओ…!
आंखों के सौ-सौ सपने हैं
आंखों के सौ-सौ सपने हैं, सपनों की सौ बातें ।
इन सपनों में तेरे आने की ही सौ सौगातें ।।
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में,
बस कोई अपना नजऱ अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता |
देखकर किसी का दर्द जो आह
देखकर किसी का दर्द जो आह. . निकल जाती हैँ……
बस इतनी सी बात आदमी को इन्सान बनाती हैँ
आत्मा नाम ही रखती है
आत्मा नाम ही रखती है न मज़हब कोई
वो तो मरती भी नहीं सिर्फ़ मकाँ छोड़ती है
बेटियों का बाप भी कितना मजबूर होता है
बेटियों का बाप भी कितना मजबूर होता है,
शहर के आवारा गिद्धों का कुछ बिगाड नही सकता….
उसे अपने परियों के पंख ही कुतरने पड़ते है…!!!
अपनी खुशियों की चाबी किसी को न देना
अपनी खुशियों की चाबी किसी को न देना,
दाेस्त
लोग अक्सर दूसरों का सामान खो देते हैं..!!