मुस्कुराहट लबौं पर यु हीं नहीं आती
उसे भी किसी नज़र का इंतज़ार होता हैं
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुस्कुराहट लबौं पर यु हीं नहीं आती
उसे भी किसी नज़र का इंतज़ार होता हैं
ना हम रोने में रहे
ना हम हंसने में रहे
कितना हसीन है मेरा वजूद
जिसमे कोई अपना ना रहा
मेरे होंटो पर जो खिलती मुस्कुराहट है,ये दरअसल इक गम छुपाने की साजिश है…
कहानी अजीब है पर यही हकीकत है..
वो बहुत बदल गया है वादे हज़ार करके
कोई हुनर कोई सलीका कोई रास्ता ऐसा बताओ…
उस से वास्ता रखे बिना ये जिंदगी गुज़ार दूँ…
तेरे रंग रूप का मैं क्या करूँ….
मुझको तेरी रूह से जुस्त जू है…
जिनके पास अपने है वो अपनों से झगड़ते हैं…
नहीं जिनका कोई अपना वो अपनों को तरसते है।
मेरे दराज़ में रक्खा है अब भी ख़त उसका,,,
पुराना इश्क़, पुराना हिसाब हो जैसे…
आखिरी हिचकी तेरे
जानों पे आये
मौत भी मैं
शायराना चाहता हूँ
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूँ….
तुम क्यूँ अपनी आँखें सुर्ख करते हो,हमारा क्या है हम तो मोहब्बत की सजा काट रहे है|