ठुकरा के उसने मुझे कहा कि मुस्कुराओ,
मैं हंस दिया सवाल उसकी ख़ुशी का था,
मैंने खोया वो जो मेरा था ही नहीं;
उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ठुकरा के उसने मुझे कहा कि मुस्कुराओ,
मैं हंस दिया सवाल उसकी ख़ुशी का था,
मैंने खोया वो जो मेरा था ही नहीं;
उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था।
देखकर दर्द किसी का,
जो आह निकल जाती है..!!
बस इतनी सी बात,
आदमी को इन्सान बनाती है….!!!
कितने दर्दनाक थे वो मंज़र, जब हम बिछड़े थे,
उसने कहा था जीना भी नहीं और रोना भी नहीं..
राज ज़ाहिर ना होने दो तो
एक बात कहूँ,,
मैं धीरे- धीरे तेरे बिन मर
जाऊँगा।
भीङ’ मेँ भी मिल जाऊँगा ‘आसानी’ से तुम्हे,
‘खोया-खोया’ सा रहना ‘निशानी’ है मेरी
कुछ इस तरह, वो मेरा इम्तिहान लेती है,
…
मेरी जान होकर, रोज़ मेरी जान लेती है ।
पेड़ बूढ़ा ही सही घर मे लगा रहने दो
फल ना सही छाँव तो देगा
तुम स्टार प्लस सी मशहूर……..!!
मैं डीडी मेट्रो सा गुमनाम……..!!
जुबान मेरी
खामोश सी रही
और
अंगूठे तुमसे
बतियाते रहे..!!!
Mere Saaray Sawal Honton Par…
Us Kay Saaray Jawab Aankhon Main…☆☆