दर्द अब इतना की

दर्द अब इतना की संभलता नही है
तेरा दिल मेरे दिल से मिलता नही है
अब और किस तरह पुकारूँ मैं तुम्हे
तेरा दिल तो मेरे दिल की सुनता भी नही है |

बदल गया वक़्त

बदल गया वक़्त बदल गयी बातें, बदल गयी मोहब्बत;

कुछ नहीं बदला तो वो है इन आँखों की नमी और तेरी कमी।