हर मर्ज का इलाज था उस बाजार मे
मैंने मोहब्बत का नाम क्या लिया
तमाम दवाखाने बंद हो गए |
Category: प्यारी शायरी
जब से पड़ा है तुझसे वास्ता
जब से पड़ा है तुझसे वास्ता,
नींद नहीं आती मुझे सितारों से पूँछ लो!
जिंदगी देने वाले
जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये।
उन्होने वक्त समझकर गुजार दिया
उन्होने वक्त समझकर गुजार दिया हमेँ…
हम उन्हें जिंदगी समझकर आज भी जी रहे है|
अगर परछाईयाँ कद से
अगर परछाईयाँ कद से और बातें औकात से
बड़ी होने लगे तो समझ लीजिये कि सूरज डूबने ही वाला है..!
नज़्म तेरे नाम की
लिख दूँ…कि रहने दूँ…
नज़्म तेरे नाम की…?
उसकी चाहत में
उसकी चाहत में हम यूं बंधे हैं कि
वो साथ भी नहीं
और हम आजाद भी नहीं ।
कभी मिल सको तो
कभी मिल सको तो इन पंछियो की तरह बेवजह मिलना ए दोस्त
वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज़ कितने मिलते है !!
खो देने से डरते है!
किसको, पाने की तलब है यहां;
हम तो बस, तुझे खो देने से डरते है!
तुम करो कोशिशें
तुम करो कोशिशें मुझसे नफरत करने की
मेरी तो हर एक सांस से तेरे लिए दुआ ही निकलेगी…!!