भुला दूंगा तुझे
ज़रा सब्र तो कर..
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तेरी तरह मतलबी बनने में
थोड़ा वक़्त तो लगेगा
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
भुला दूंगा तुझे
ज़रा सब्र तो कर..
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तेरी तरह मतलबी बनने में
थोड़ा वक़्त तो लगेगा
ना चाहते हुए भी तेरे
बारे में बात हो गई,
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कल आईने में तेरे
दिवाने से मुलाक़ात हो गई..!!
कर्म भूमि पर फल के किये श्रम
सबको करना पड़ता है..
रब सिर्फ लकीरें देता है,
रंग हमें खुद भरना पड़ता है !!
मैं बंद आंखों से पढ़ता हूं रोज़ वो चेहरा,
जो शायरी की सुहानी किताब जैसा है.!!
तेरे इनकार की वजह बता दे बस……..!
कसम तेरी..
ज़िन्दगी लुटा दूँगा उसे सुधारने में..
अपने हाथों की लकीरों से ना निकल मुझे.!
बड़ी शिद्दत से मैने तेरी इबादत की है.!!
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत
करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही
मानता और दिल बात नही मानता..!!
तुम ही तुम दिखते हो हमें कुछ हुआ तो जरूर है,
ये आइनें की भूल है या मस्त निगाहों का कसूर है !!
इतने चेहरे थे उसके चेहरे पर,
आईना तंग आ के टूट गया|
गर्दन पर निशान तेरी साँसों के…
कंधे पर मौजूद तेरे हाथ का स्पर्श…
बिस्तर पर सलवटें…
तकिये पे लगे दाग..
चादर का यूँ मुस्कुराना..
शायद, तुम ख्वाब में आए थे…!