मैं जब भी

मैं जब भी अपनी पुरानी स्कूल के पास से गुजरता हूँ
सोचता हूँ मुझे बनाने में खुद टूट सी गयी है….
और जब भी में मेरे बेटे की प्रायवेट स्कूल के पास से गुजरता हूँ
मुझे हमेशा लगता है मुझे तोड़ कर खुद बन गयी |