तेरे आगोश में मिल जाये पनाह ,
हाय में इतनी खुशनसीब कहा|
Category: प्यार शायरी
अब ना रही
मुझमे मासूमियत अब ना रही जनाब…
मैने बचपन के ख्वाब बड़े होकर टुटते देखे है|
एक ही ख्वाब ने
एक ही ख्वाब ने सारी रात जगाया हैं,
मैंने हर करवट सोने की कोशिश की हैं|
लफ़्ज़ों पे वज़न
लफ़्ज़ों पे वज़न रखने से नहीं झुकते मोहब्बत के पलड़े साहिब… हलके से इशारे पे ही ज़िंदगियां क़ुर्बान हो जाती हैं….
उसके हाथ की गिरफ्त
उसके हाथ की गिरफ्त ढीली पडी
तो महसूस हुआ मुझे।
शायद ये वही जगह है,
जहाँ रास्ते बदलने हैं|
दिलो में खोट
दिलो में खोट जुबा से प्यार करते हैं,
बहुत से लोग दुनिया मे बस यही व्यापार करते हैं …
हिचकियो के भरम ने
हिचकियो के भरम ने
रखा है जिँदा
हम आज भी किसी को याद
आते है.. याद किया करो हमें,वरना याद किया करोगे !!
हर लम्हे को कैद हैं
हर लम्हे को कैद हैं इन आँखों में
ये रात की ख़ामोशी में दिखाई देते हैं
लेकिन ये सूरज की किरणें हमें
आने वाले पल का संकेत देती हैं
खुली बाहों से इनका सत्कार करो
यही तो जीवन में रंग भरती हैं |
उस के सिवाय
उस के सिवाय किसी और को चाहना मेरे बस मैं है ही नही, ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी.|
साँसों का टूट जाना
साँसों का टूट जाना तो दस्तूर है…
कुदरत का……
जिस मोड़ पर अपने बदल जाये….
उसे मौत कहते है.