तुम हज़ार बार भी रुठोगे तो मना लूंगा तुमको मगर,
शर्त ये है कि मेरे हिस्से की मुहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो..
Category: प्यार शायरी
दर्द दे गए
दर्द दे गए सितम भी दे गए.. ज़ख़्म के साथ वो मरहम भी दे गए,
दो लफ़्ज़ों से कर गए अपना मन हल्का, और हमें कभी न रोने की क़सम दे गए|
नींद कल रात भी
नींद कल रात भी आई थी सुहानी हमको
ए फ़क़ीरी तेरा एहसान चुकाएँ कैसे
जनाजा देखकर मेरा
जनाजा देखकर मेरा वो बेवफा बोल पड़ी,
वही मरा है ना जो मुझ पर मरता था..
बैठ जाता हूँ
बैठ जाता हूँ अब खुले आसमान के नीचे तारो की छाँव मे,,,
अब शौक नही रहा महफिलो मे रंग जमाने का…
अपने दिल से
अपने दिल से मिटा ड़ाली तेरे साथ की सारी तस्वीरें
आने लगी जो ख़ुशबू तेरे ज़िस्मों-जां से किसी और की…!!
कितने संगदिल हैं
कितने संगदिल हैं वो, मुझे बेज़ार रुलाने वाले…
देखो चैन से सो रहे हैं मुझे उम्र भर जगाने वाले…
ये जो मेरे दिल की
ये जो मेरे दिल की लगी है…
बस यही तो बर्बाद ज़िंदगी है…
हम ही उस के
हम ही उस के इश्क़ के क़ाबिल न थे
क्यूँ किसी ज़ालिम का शिकवा कीजिए|
चल पडी है
चल पडी है मेरी दुआए असर करने को….
तुम बस मेरे होने की तैयारी कर लो…!!