अपनी सूरत से जो जाहिर है छुपाये कैसे
तेरी मर्जी के मुताबिक नज़र आये कैसे
Category: प्यार शायरी
शक तो था मोहब्बत में
शक तो था मोहब्बत में नुक़सान होगा ।। ..
पर सारा हमारा ही होगा ये मालूम न था!!
उंगलिया आज भी इस सोच में गुम है
उंगलिया आज भी इस सोच में गुम है , उसने कैसे नए हाथ को थामा होगा.
सच कहा था किसी ने
सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो ;मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है.
उसकी दर्द भरी आँखों ने
उसकी दर्द भरी आँखों ने, जिस जगह कहा था अलविदा,आज भी वही खड़ा है दिल, उसके आने के इंतज़ार में.
ये इश्क़ भी बड़ी ना मुराद चीज़ है
ये इश्क़ भी बड़ी ना मुराद चीज़ है.,
उसी से होता है जो किसी और का
होता है
बरबाद कर देती है मोहब्बत
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को ,क्योंकि इश्क हार नहीं मानता और दिल बात नहीं मानता .
तुम्हें कितनी मोहब्बत है
तुम्हें कितनी मोहब्बत है, मुझे मालूम नहीं मगर,
मुझे आज भी लोग, तेरी क़सम दे कर मनवा लेते है
छोड़ दिया हमने उसका दीदार करना
छोड़ दिया हमने उसका दीदार करना हमेशा के लिए ,‘दोस्त’ जिसको प्यार की कदर ना हो उसे मुड़ मुड़ के क्या देखना .
ऐसा नहीं कि दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी
ऐसा नहीं कि दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी, पर हाथो में तेरे नाम की लकीर नहीं थी.