कल रात मैंने

कल रात मैंने अपने सारे ग़म,
कमरे की दीवार पर लिख डाले,
बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही…

जिस शहर में

जिस शहर में तुम्हे मकान कम और शमशान ज्यादा मिले…

समझ लेना वहा किसी ने हम से आँख मिलाने की गलती की थी….!!

हम तो पागल हैं

हम तो पागल हैं शौक़-ए-शायरी के नाम पर ही

दिल की बात कह जाते हैं और कई

इन्सान गीता पर हाथ रख

कर भी सच नहीं कह पाते है…

उम्र भर के

उम्र भर के आंसू ज़िन्दगी भर का ग़म,
मोहब्बत के बाज़ार में बहुत महंगे बिके हम !!