दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रुठ जानेसे डरते है..
Category: नफ़रत शायरी
ना मेरा प्यार कम हुआ
ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफरत ,
अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये
तू तो नफ़रत
तू तो नफ़रत भी न कर पाएगा उस शिद्दत के साथ,
जिस बला का प्यार तुझसे बे-ख़बर मैंने किया |
एक नफरत ही हैं
एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं..
वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.
नफ़रत फैलाने वाला
ना हिंदू बुरा है,
ना मुसलमान बुरा है,
ना गीता बुरी है,
ना कुरान बुरा है,
ना खुदा बुरा है,
ना भगवान बुरा है,
नफ़रत फैलाने वाला,
हर शैतान बुरा है..!!
जिन्दगी की अच्छी चीजें
कहीं ऐसा ना हो कि जिन्दगी की अच्छी चीजें,
आपकी जिन्दगी की सबसे अच्छी चीज को ख़त्म कर दे..
देखा जो तीर
देखा जो तीर खा के, दुश्मनों की तरफ़..
अपने ही दोस्तों से मुलाकात हो गई..
अकड़ती जा रही हैं
अकड़ती जा रही हैं हर रोज गर्दन की नसें,
आज तक नहीं आया हुनर सर झुकाने का .
एक नफरत ही हैं
एक नफरत ही हैं जिसे,
दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं.
वरना चाहत का यकीन दिलाने में,
तो जिन्दगी बीत जाती हैं..
झूठी शान के परिंदे
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फडडाते हैं,
बाज की उड़ान में कभी आवाज नहीं होती है !!