लोग रूप देखते हैं

लोग रूप देखते हैं, हम दिल देखते हैं;

लोग सपना देखते हैं, हम हकीकत देखते हैं;

बस फर्क इतना है कि लोग दुनिया में दोस्त देखते हैं;

हम दोस्तों में दुनिया देखते हैं।

हर कोई भूल जाता है

हर कोई भूल जाता है अपने शहर को,
उतरता है जब भी खाबों की डगर को।

पा गये हो दोस्त तुम कुछ चार दिन के
भूल गये दोस्त, नाता पुराना साथ जिनके।

फूलो कि वादी में

फूलो कि वादी में हो बसेरा आपका, चाँद सितारो के आँगन में हो घर आपका,

ये दिल से दुआ हे एक दोस्त कि दूसरे दोस्त से,

के तुम से भी खूबसूरत हो मुकदर तेरा|