कुछ आप हसीन है , कुछ मौसम रंगीन है ,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ ,जुर्म दोनो संगीन है !!!
Category: दोस्ती शायरी
ये जो चंद
ये जो चंद फुर्सत के लम्हे मिलते हैं जीने के लिए,मैं उन्हें
भी तुम्हे सोचतेहुए ही खर्च कर देता हूँ.
फना हो कर
फना हो कर मोहब्बत करूँ या बेपनाह
मोहब्बत करूँ.,
बता तुझे कैसी मोहब्बत पसन्द है, तुझे वैसे मोहब्बत
करूँ..!!!
ख़बर दे गए
ख़बर दे गए जमाने को शरमा के तुम……..!
लोग समझ गए की हमारा तुमसे कुछ रिश्ता है..
ख्वाहिशों कि जमीन
ख्वाहिशों कि जमीन को जो विरान किया हैं तूने
ए जिंदगी मुझे बार बार, यूँ हैरान किया हैं तूने।
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किसी को भी मुझसे अब शिकायत नहीं रहती
देख किस कदर, मुझे परेशान किया हैं तूने।
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अंदाजा नहीं लगता अब कल को लेकर खुद का
ये किस तरह का मुझ को, इक तूफान किया हैं तूने
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दिल पे नहीं लगती हैं, अब हालातों कि मार
बढ़ती उम्र के साथ साथ यूँ नादान किया हैं तूने।
मौत की जिद
वो तो मौत की जिद थी.. सो उसकी ही चली ..वरना
टक्कर अच्छी दी थी मेरे मुल्क के सिपाही ने.
रुख तस्वीर का
तस्वीर का रुख
तस्वीर का रुख एक नहीं दूसरा भी है;
खैरात जो देता है वही लूटता भी है;
ईमान को अब लेके किधर जाइयेगा आप;
बेकार है ये चीज कोई पूछता भी है;
बाज़ार चले आये वफ़ा भी, ख़ुलूस भी;
अब घर में बचा क्या है कोई सोचता भी है;
वैसे तो ज़माने के बहुत तीर खाये हैं;
पर इनमें कोई तीर है जो फूल सा भी है;
इस दिल ने भी फ़ितरत किसी बच्चे सी पाई है;
पहले जिसे खो दे उसे फिर ढूँढता भी है।
टूटने के बाद भी बस
टूटने के बाद भी बस तेरे लिए धड़कता है।
लगता है दिमाग ख़राब हो गया है मेरे दिल का।।
मेरे तजुर्बे ने मुझे इतना
मेरे तजुर्बे ने मुझे इतना सिखाया है… ‘समझदारी’…
समझदार बनने से नहीं …’जिम्मेदार’ बनने से आती है ।
मुकम्मल ही न हुई
हमसे मुकम्मल ही न हुई कभी ऐ ज़िन्दगी तालीम तेरी…!
शागिर्द कभी हम बन ना सके और उस्ताद तूने बनने न दिया.!!