आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया…
दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!
Category: दर्द शायरी
बारिश में रख दो
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को,
कि धुल जाए स्याही,
ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का
मन करता है कभी- कभी।।
जो नहीं है हमारे पास
जो नहीं है हमारे पास वो ख्वाब हैं,
पर जो है हमारे पास वो लाजवाब हैं…
सब छोड रहे हैं
सब छोड रहे हैं मुझे
अपना बनाकर,
ऐ जिंदगी
तुझे भी इजाजत है !!
घरों पे नाम थे
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला…!
गलियों की उदासी
गलियों की उदासी पूछती है, घर का सन्नाटा कहता है…
इस शहर का हर रहने वाला क्यूँ दूसरे शहर में रहता है..!
मकान बन जाते है
मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में,
ये पैसा कुछ ऐसा है…और घर टूट जाते है चंद पलो में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है..।।
जरा शिद्दत से
जरा शिद्दत से चाहो तभी आरजु पुरी होगी,
हम वो नहीँ जो तुम्हेँ ख़ेरात मेँ मिल जाए..
कहाँ मांग ली थी
कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा,
सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था…!!!
फासला नज़रों का
फासला नज़रों का धोखा भी हो सकता है।
वो मिले ना मिले तुम हाथ बढ़ा कर देखो|