एक वो वक़्त था

एक वो वक़्त था जब काना बाँसुरी बजाता और सारी गोपियाँ घर से बहार निकल आती और एक आज है जब कचरावाला आके सीटी मारता है और सब गोपियां घर के बहार…

याद रखते हैं

याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह…; कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।