कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने,
मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये…!!!
Category: दर्द शायरी
न जाने कब खर्च हो गये वो लम्हें
न जाने कब खर्च हो गये वो लम्हें….
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जो छुपाकर रखे थे जीने के लिए…..!!
हमारी अधूरी कहानी
सोचने लगा हू बना लू अपनी एक कहानी,
पर डर लगता है कि कही रह ना जाए
“हमारी अधूरी कहानी”
दर्द की कीमत क्या है
किसी ने यूँ ही पूछ लिया हमसे कि दर्द की कीमत क्या है;
हमने हँसते हुए कहा,
“पता नहीं… कुछ अपने मुफ्त में दे जाते हैं।”
ऐ बारिश जरा खुलकर बरस
ऐ बारिश जरा खुलकर बरस,
ये क्या तमाशा है….!!
इतनी रिमझिम तो
मेरी आँखों से रोज होती है…!
जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह
जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह,
बस इतनी सी बेवफा थी वो…
कौन कहता है
कौन कहता है कि ‘पैसा’
सब कुछ खरीद सकता है. . .
दम है तो टूटे हुए ‘विश्वास’ को
खरीदकर दिखाईये…!!!
इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ
इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ…!!!
चमक उन्होने बटोरी… तड़प हम ले आए…!!!
जग रहे हो किसी के लिए
जग रहे हो किसी के लिए..
.. या किसी के लिए सोये नहीं ?
धड़कने गूजती है सीने में
धड़कने गूजती है सीने में ,
इतने सुनसान हो गए हैं हम..!!!