मैदान मोहल्ले का,
जाने कब से खाली खाली सा है
कोई मोबाइल शायद
बच्चों की गेंद चुराकर ले गया
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मैदान मोहल्ले का,
जाने कब से खाली खाली सा है
कोई मोबाइल शायद
बच्चों की गेंद चुराकर ले गया
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र
याद रहता हैं
लेकिन दोस्ती कीमती है,
केवल मुश्किल में नहीं ,
बल्कि जीवन के सुखद क्षणों में भी,
और धन्यवाद है उस उदार व्यवस्था को कि जीवन का बड़ा हिस्सा सुखद होता है.
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
Lamho ki ek kitaab hain zindagi,
Saanso aur khyalo ka hissab hai zindagi
Kuch jarurate puri kuch khwaishe aduri
Bas inhi sawalon ka jawab hain zindagi.
तुम दुआ के वक़्त जरा मुझे भी बुला लेना…
दोनों मिलकर एक दूसरे को मांग लेंगे…
Mat poocho, kyaa kaarobaar hai mera……..
Mohabbat bechta hoon main……
Aaj ke in nafraton ke baazaron mein………
मेरी जिन्दगी में झाँक कर तुम यूँ चले गये
ना मतलब था ना वास्ता,कोई बात बर न थी….
मत सोच इतना जिन्दगी
के बारे में ,
जिसने जिन्दगी दी है उसने भी तो कुछ सोचा होगा…!!
सियासत हो या मोहब्बत…”यारो…!”..
जीतता वही हे जो फरेबी हैं….!