हवाओ जैसी

रुके तो चाँद जैसी हैँ…..

चले तो हवाओ जैसी हैँ…..

वो माँ ही हैँ…..

जो धुप मैँ भी छाँव जैसी हैँ….

एक सूत्र में बँधी

झाड़ू, जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह “कचरा” साफ करती है।

लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है तो खुद कचरा हो जाती है।

तेरा ऐ दिल

माफी चाहता हूँ गुनेहगार हूँ तेरा ऐ दिल,
तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं

यह समझ पाओ

किसी मासूम बच्चे की तबस्सुम मेँ उतर जाओ,
तो शायद यह समझ पाओ खुदा ऐसा भी होता है…

किसी ना किसी

सीखा जाता है हर हुनर, किसी ना किसी उस्ताद से,
मगर जिंदगी के सबक जमाने की ठोकरें देती हैं।

कलम में जोर

कलम में जोर जितना है जुदाई की बदौलत है,

मिलने के बाद लिखने वाले लिखना छोड़ देते है……..