क्या खूब
मोहब्बत
की तुमने
तोड़ा भी हमें
छोड़ा भी हमें ।।।
Category: जिंदगी शायरी
बारिश की तरह
तुम बरस के देखो बारिश की तरह,
हम भी महकते रहेंगे मिटटी की तरह !!
जिंदगी उलझी पड़ी है
मैं भूला नहीं हूँ किसी को…
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ………
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है …..
2 वक़्त की रोटी ढूंढने में। ….
जन्नत का पता नहीं
लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता,शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह किसी के दिल में,यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं मिलता……….!!अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम पर,अंधेरों में तुम तो मिल जाते हो, साया नहीं मिलता……..!!इस बेवफ़ा ज़िन्दगी से शायद मुझे इतनी मोहब्बत ना होतीअगर इस ज़िंदगी में दोस्त कोई तुम जैसा नहीं मिलता…!!
कभी तबियत पूछना
कभी तबियत पूछना हमसे भी गुजरने वाले..
हाल-ऐ-दिल बयां करने का शौक हम भी रखते हैं ….!
समझ रहा हुँ
खामोश रहता हुँ
क्योकि अभी दुनिया को समझ रहा हुँ!
समय जरूर लुगाँ पर जिस दिन दाव
खेलुँगा उस दिन
खिलाङी भी मेरे होगे और खेल
भी मेरा !!!
ताल्लुक हो तो
ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो …
दिल तो अकसर
एक दूसरे से भर जाया करते है
ज़िन्दिगी बन जाती हैं.
दो परिंदे सोंच समझ कर जुदा हो गयें और जुदा होकर मर
गयें जानते हो क्यों? क्योंकि उन्हे नहीं मालूम था
कि नज़दीकियाँ पहले आदत फिर ज़रूरत और फिर
ज़िन्दिगी बन जाती हैं.।
WAQT HI YAAD
AGAR LOG AAPKO SIRF JARURAT KE WAQT HI YAAD KARTE HAI TO
BURA MAT MANO.
KYOKI
“MOMBATI KI YAAD TABHI AATI HAI JAB CHARO TARAF ANDHERA HO JATA HAI
रहना ज़िंदगी से
“ये इक दिन मौत से सौदा करेगी,
जरा…होशियार रहना ज़िंदगी से”..