अपने रिश्ते में कभी शक़ को न आने देना
ये बिना आग ही घर बार जला देता है!
Category: गज़ल
मेरे खेत की मिट्टी
मेरे खेत की मिट्टी से पलता है तेरे शहर का पेट
मेरा नादान गाँव अब भी उलझा है कर्ज की किश्तों में..
इंसान अगर ज्यादा मजबूत हो
इंसान अगर ज्यादा मजबूत हो जाये,
तो रिश्ते कमजोर पड़ जाते है।
इस दिल में
इस दिल में और कांटे चुभने से पहले,
ज़रा एक बार देख लो, कितना कांटे पहले ही
चुभा चुकी है ये दुनिया, तेरा ये काँटा कही आखरी न हो…..
जो आपके अल्फाज़ों को
जो आपके अल्फाज़ों को न समझ पाये…
वो आपकी खामोशी को क्या समझेंगे……..
आज फिर शाख़ से
आज फिर शाख़ से गिरे पत्ते
और मिट्टी में मिल गए पत्ते|
उफ़ ये रोज़ रोज़
उफ़ ये रोज़ रोज़ ख़ुद से बातें बगावत की
उफ़ ये रोज़ रोज़ तुझ बिन रातें आमावस की|
दर्द की हद को
दर्द की हद को समझना है तो ये कर ले…
जो किसी और को चाहे बस उससे मुहब्बत|
काफ़िला गुजर गया
काफ़िला गुजर गया जख्म देकर ।
रास्ता उदास है अब मेरी तरह ।।
बहुत तेज दिमाग चाहिए…
बहुत तेज दिमाग चाहिए…..
गलतियाँ नीकालने के लिए ।
लेकिन एक सुंदर दिल होना चाहिए….
गलतियाँ कबुल करने के लिए ।