महफ़िल में हँसना

महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया,
तन्हाई में रोना एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया,
बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया।

मंजिल तो तेरी

मंजिल तो तेरी यही थी बस , जिंदगी गुजर गयी यहा आते
क्या मिला तुझे इस दुनिया से अपनों ने ही जला दिया जाते |

शायद ना लिख पाऊ

मै चाहू .. तो भी शायद ना लिख पाऊ उन लफ्जो को … जिन्हें पढ़ कर … तुम जान जाओ मुझे कितनी महोब्बत है तुम से …. !!