आँखे कितनी भी छोटी क्यों ना हो ,
ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने की होती है ..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आँखे कितनी भी छोटी क्यों ना हो ,
ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने की होती है ..
महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती ,
इश्क से जिन्दगी ख़त्म नहीं होती,
अगर साथ हो जिन्दगी में अच्छे दोस्तों का ,
तो जिन्दगी जन्नत से कम नहीं होती ..
जिंदगी में बेशक हर मौके का जरुर फायदा उठाओ,
मगर किसी के हालात और मजबूरी का नहीं ..
जो सिरफिरा होते हैं इतिहास वो ही लिखते हैं,
समझदार तो सिर्फ़ उसे पढ़ते हैं
डर मुझे भी लगा फांसला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर.!
मेरे लहजे में जी हुजूर ना था
इसके अलावा मेरा कोई कुसूर ना था
अगर पलभर को भी में बे-जमीर हो जाता
यकीन मानिये कब का वजीर हो जाता” !!!
ना किसी से ईर्ष्या,
ना किसी से कोई होड़,
मेरी अपनी मंजीले,
मेरी अपनी दौड़ !.
रहने की कुछ बेहतरीन जगहों में से
एक जगह अपनी औक़ात भी है….!!
रहता हूं किराये के घर में…
रोज़ सांसों को बेच कर किराया चूकाता हूं….
मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी…
बात मैं महल मिनारों की कर जाता हूं….
जल जायेगा ये मेरा घर इक दिन…
फिर भी इसकी खूबसूरती पर इतराता हूं….
खुद के सहारे मैं श्मशान तक भी ना जा सकूंगा…
इसीलिए जमाने में दोस्त बनाता हूँ ।