बरसों गुज़र गये

बरसों गुज़र गये , रो कर नही देखा,
आँखों में नींद थी,सो कर नही देखा,,

वो क्या जाने दर्द मोहब्बत का,
जिसने किसी को खो कर नही देखा

बचपन बड़ा होकर

बचपन —
बड़ा होकर पायलट बनूँगा, डॉक्टर
बनूँगा या इंजीनियर बनूँगा….
जवानी —
“अरे भाई वो चपरासी वाला फॉर्म
निकला की नही अभी तक