कोशिश तो बहुत करता है तू की भूल जाए उसे.
मगर मुमकिन कहाँ है कि आग लगे और धुंवा ना हो..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोशिश तो बहुत करता है तू की भूल जाए उसे.
मगर मुमकिन कहाँ है कि आग लगे और धुंवा ना हो..
अब अपना मुझको कौन लगे
शब्दों से प्यारा मौन लगे…..
तुम दूर..बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं…
पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है.. बस ये बात तुम याद रखना…
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!
तुम्हारी याद की शिद्दत में बहने वाला अश्क
ज़मीं में बो दिया जाए तो आँख उग आए..!!
तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे?
दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।
लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ
ऐ खुदा.. एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला!!
डराकर दुनिया को वो जीता है,
जिसकी हड्डियों में पानी होता है !!
धुप में रहने वाले जल्दी निखर जाते है,
छाया में रहने वाले जल्दी बिखर जाते है !!
फ़साना ये मुहब्बत का है अहसासों पे लिख जाना….
छलकते जाम चाहत के मेरी प्यासों पे लिख जाना…