“मैं”
पसन्द तो बहुत हूँ
सबको,
पर.
जब उनको मेरी जरूरत होती है तब…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
“मैं”
पसन्द तो बहुत हूँ
सबको,
पर.
जब उनको मेरी जरूरत होती है तब…
कलम
में जितना दम है जुदाई की बदौलत है !
वरना लोग मिलने के बाद
लिखना छोड़ देते है ..!?
अपनापन
छलके जिनकी बातों में,
सिर्फ कुछ ही बंदे ऐसे होते हैं लाखों में!
उसके
होंठों पे कभी बददुआ नहीं होती ,
बस इक माँ है जो मुझसे कभी
खफा नहीं होती.
जिँदगी की राहो पर कभी यूँ
भी होता है….!
इंसान खुद रो पड़ता है
अकेले मै,…
किसी को हौँसला देनै के बाद…!!
जिंदगी चैन से गुज़र जाये….
अगर वो मेरे जहन
से उतर जाये….
कल रात मैने अपने दिल से भी रिश्ता तोड दिया…!
.
.
पागल तेरे को भूल जाने की सलाह दे रहा था…
मिठी बाते ना कर ऐ नादान परिंदे,
इसांन सुन लेगा तो पिंजरा ले आएगा..
जैसा दोगे वैसा ही पाओगे..
फ़िर चाहे इज्ज़त हो या धोखा..!!
उस मोड़ से शुरू करें
चलो फिर से जिंदगी
हर शय हो जहाँ नई सी
और हम हो अज़नबी