जब जब भी मैं बिखरा हूँ,
दुगनी रफ़्तार से निखरा हूँ।
Category: Zindagi Shayri
अचानक चौँक उठे
अचानक चौँक उठे नींद से हम,
किसी ने शरारत से कह दिया सुनो, वो मिलने आई है।
जो जले थे हमारे लिऐ
जो जले थे हमारे लिऐ, बुझ रहे है वो सारे दिये,
कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिये..
जाने वो दिल के ज़ख्म
जाने वो दिल के ज़ख्म हैं या तेरी यादों के फूल,
रातों को कोई चीज महकती जरूर है..
ग़लत को हम ग़लत कहते
ग़लत को हम ग़लत कहते इसी कहने की कोशिश में
सियासत ने अंधेरों में हमारी हर ख़ुशी रख दी ।
बड़ी बैचेन सी कटती हैं
कैसे कहूं बड़ी बैचेन सी कटती हैं अब अपनी रातें
ना भी बताऊं तो चादर की सलवटें बयां कर देती हैं..
इश्क कर लीजिए
इश्क कर लीजिए बेइंतहा किताबों से;
एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती!!
काश तू सुन पाता
काश तू सुन पाता खामोश सिसकियाँ मेरी,,,
आवाज़ कर के रोना तो मुझे आज भी नहीं आता!
कैसे कहूं बड़ी
कैसे कहूं बड़ी बैचेन सी कटती हैं अब अपनी रातें
ना भी बताऊं तो चादर की सलवटें बयां कर देती हैं..
इश्क कर लीजिए
इश्क कर लीजिए बेइंतहा किताबों से;
एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती!!