तेरे कूचे में सब पर फूल बरसे,
मगर हम एक पत्थर को भी तरसे।
Category: Zindagi Shayri
तेरी उम्मीद पै
तेरी उम्मीद पै जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन,
मगर यूँ भी न दिल को आसरा देते तो क्या करते |
तुम्हारी बेरूखी ने
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की ,
तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहा जाते।
तुमको खबर न हुई
तुमको खबर न हुई और जलके खाक हुआ,
वह दिल जो तेरी मुहब्बत का आशियाना था।
गहराई हो जिनमें
गहराई हो जिनमें जमीनी,
वही रिश्ते आसमानी होते हैं।
उसने चुपके से
उसने चुपके से मेरी आंखो पर हाथ रखकर पुछा बताओ कौन मै मुस्कुरा के धीरे से बोला मेरी ज़िन्दगी …
कुछ तुम कोरे कोरे से
कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!
पिघल सा जाता हूँ
पिघल सा जाता हूँ तेरी तस्वीर देख कर
जरा छू कर बता ना कहीं मैं मोम तो नहीं..
कुछ तुम कोरे कोरे से
कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…
एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!
सब्र रखते हैं
सब्र रखते हैं , बड़े ही सब्र से हम वरना ज़िंदगी जीना ….कोई आसां तो नहीं……!!