जिन्दगी जख्मो से

जिन्दगी जख्मो से भरी है,
वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से,
फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख
लो..!!

लिखा करती थी

दोनों की पहली चाहत थी ,दोनों टूट के मिला करते
थे,
वो वादे लिखा करती थी ,में कसमे
लिखा करता था ।।

अपनी महफ़िल से

ग़रीब समझकर आज उसने उठा दिया हमें अपनी महफ़िल से ?
.
कोई मेरी ख़ातिर पूछे उनसे, क्या चाँद की महफ़िल में सितारे
नहीं होते ??