बुरे दिनों में कर नहीं कभी किसी से आस
परछाई भी साथ दे, जब तक रहे प्रकाश
Category: Zindagi Shayri
इश्क़ नाज़ुक मिजाज़ है
इश्क़ नाज़ुक मिजाज़ है बे-हद,
अक्ल का बोझ उठा नहीं सकता. !!
मोहब्बत केअफसानें
अल्फाज़ों में क्या बयाँ करे अपनी मोहब्बत के
अफसानें
हमारे दिल में तो वो ही वो है, उनके दिल
की खुदा जाने..”
जो निगाह आज
जो निगाह आज मुझे देख कर झुक गई,,
यकिनन उसने मुझे कभी चाहा जरुर होगा|
मैं वक्त बन जाऊं
मैं वक्त बन जाऊं, तु बन जाना कोई लमहा।
मैं तुझमे गुजर जाऊं , तु मुझमे गुजर जाना।।
दो अक्षर की
दो अक्षर की मौत
और तीन अक्षर के जीवन में,
ढाई अक्षर का दोस्त हमेंशा बाज़ी मार जाता हैं…..
जीने के दिन
खुँशीयॊ ने वादा किया कि वॊ पाँच दिन बाद आएगी,
मगर कम्बख्त जिंदगी के कैलेंडर में देखा तॊ जीने के दिन ही चार थे ॥
कितनी ज़ालिम है
ये बारिश भी कितनी ज़ालिम हे जो यूँ ही आकर चली जाती है…
..
याद दिलाती है मेरे मेहबूब की..
और भिगोकर मुझे चली जाती है……
मिट जाते है वो
मिट जाते है वो औरों को मिटाने वाले..!
लाश कहा रोती है,
रोते है जलाने वाले..!!!
समझा दो अपनी
समझा दो अपनी यादो को,
वो बिन बुलाए पास आया करती है,
आप तो दूर रहकर सताते हो मगर,
वो पास आकर रुलाया करती है…