Dosto ज़िंदगी में

Dosto ज़िंदगी में बिछड़ गए अगर इतेफ़ाक़ से__
तो हमें देखके नज़रें ना चुरा लेना!

कहीं देखा है आपको शायद__
बस यही कह के हाथ मिला

तू तो नफ़रत

तू तो नफ़रत भी न कर पाएगा उस शिद्दत के साथ,
जिस बला का प्यार तुझसे बे-ख़बर मैंने किया |