पढ़ लेते हो तुम….
.मुझे हर बार….
वो दो नीली रेखाएँ गवाह हैं व्हाट्सएप कीं !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
पढ़ लेते हो तुम….
.मुझे हर बार….
वो दो नीली रेखाएँ गवाह हैं व्हाट्सएप कीं !!
ढल गया आफ़ताब ऐ साक़ी
ला पिला दे शराब ऐ साक़ी
या सुराही लगा मेरे मुँह से
या उलट दे नक़ाब ऐ साक़ी
मैकदा छोड़ कर कहाँ जाएँ
है ज़माना ख़राब ऐ साक़ी
जाम भर दे गुनाहगारों के
ये भी है इक सवाब ऐ साक़ी
आज पीने दे और पीने दे
कल करेंगे हिसाब ऐ साक़ी
यदि कोई आपका अपना आपको गुस्सा
दिलाने में सफल होता है तो मान लें की आप उसके हाथों की
कठपुतली है।
एक रविवार ही है जो रिश्तों को संभालता है
वरना बाकि
दिन तो किश्तों को सँभालने में लग जाते है !!
तुलसी ये तन
खेत हैं,
मन वचन कर्म किसान |
पुण्य पाप ये दो बीज हैं,
क्या बोना हैं
ये तू जान ||
चलो चाँद का किरदार अपना ले हम दोस्तों ,
दाग
अपने पास रखे और रोशनी बाँट दे ||
उर्दू है मेरा
नाम मैं खुसरू की पहेली
मैं मीर की हम-राज़ हूँ ग़ालिब की सहेली
अफसोस
तो है तेरे बदल जाने का मगर,
तेरी कुछ बातों ने मुझे जीना सिखा
दिया…॥
बेगाना हमने तो नहीं
किया किसी को…
लेकिन जिसका दिल भरता गया वो दूर जाता
गया !!!
ए मौसम तू चाहे कितना भी बदल जा
पर,
इंसान के जैसे बदलने का हुनर तुझे कभी नही आएगा…॥