दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं
हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है
जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना
हम तुम्हे याद किया करते हैं
Category: Zindagi Shayri
हम जिनके दीवाने है
हम जिनके दीवाने है वो गैरों के गुण गाते थे,
हमने कहा आपके बिन जी ना सकेंगे,
तो हंस के कहने लगे,
के जब हम ना थे तब भी तो जीते थे..
तुझे भूलकर भी
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन,
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम.
यूं कम ना आंकिये
लफ़्ज़ों को यूं कम ना आंकिये,
चंद जो इक्कठे हो जाएँ तो शेर हो जाते हैं।
उम्र ढ़लते देर कहाँ लगती है..
उम्र ढ़लते देर कहाँ लगती है..,
साल भी देखो चार दिन पुराना हो गया !
शाम का वक्त
शाम का वक्त हो और ‘शराब’ ना हो…!
इंसान का वक्त इतना भी ‘खराब’ ना हो…!!
आँगन आँगन ज़हर
आँगन आँगन ज़हर बरसाएगी उस की चाँदनी…!!!
☝वो अगर महताब की सूरत उजागर हो गयी….!!!
तुमसे किसने कह दिया
तुमसे किसने कह दिया कि मुहब्बत की बाजी हार गए हम? अभी तो दाँव मे चलने के लिए मेरी जान बाकी है !
हम कब के मर चुके
,हम कब के मर चुके थे जुदाई में ऐ अजल….जीना पड़ा कुछ और तेरे इन्तिजार में….
कभी कभी धागे
कभी कभी धागे बड़े कमज़ोर चुन लेते है हम !
और फिर पूरी उम्र गाँठ बाँधने में ही निकल जाती है ….!!!