हमें गुजारने को

हमें गुजारने को ज़िन्दगी थी बस एक बहाने कि जरुरत,
रास्ते में लोग गम देते गये और हमारी बसर होती गयी.

सब कुछ है

सब कुछ है नसीब में, तेरा नाम नहीं है
दिन-रात की तन्हाई में आराम नहीं है

मैं चल पड़ा था घर से तेरी तलाश में
आगाज़ तो किया मगर अंजाम नहीं है

मेरी खताओं की सजा अब मौत ही सही
इसके सिवा तो कोई भी अरमान नहीं है

कहते हैं वो मेरी तरफ यूं उंगली उठाकर
इस शहर में इससे बड़ा बदनाम नहीं है….

ना दिल से होता है

ना दिल से होता है,
ना दिमाग़ से होता है,
ये प्यार तो इतफाक से होता है,
पर प्यार कर के प्यार ही मिले,
ये इतफाक किसी-किसी के साथ होता है.

पहले कभी ये यादें

पहले कभी ये यादें ये तनहाई ना थी,
कभी दिल पे मदहोशी छायी ना थी,
जाने क्या असर कर गयीं उसकी बातें,
वरना इस तरह कभी याद किसी की आयी ना थी।