इश्क़ को नसीहत और बेटो को वसीयत की जरुरत तभी
पड़ती है, जब वो खुद बड़े कमजोर हो.
Category: Zindagi Shayri
मैं शिकायत क्यों करूँ
मैं शिकायत क्यों करूँ, ये तो क़िस्मत की बात है..!!
तेरी सोच में भी मैं नहीं, मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं.
मेरी आवारगी में
मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है,
जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता।
वक़्त बदला तो
वक़्त बदला तो बदल गये वो लोग,
जो महफ़िलो में सबसे अज़ीज़ आशना थे.!!
वो लम्हा ज़िन्दगी का
वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा
अनमोल होता है
जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा माहौल होता है
अगर फुर्सत के लम्हों मे
अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना..
क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही.
कई रिश्तों को
कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही
निकला,
जरूरत ही सब कुछ है, महोब्बत कुछ नहीं
होती…..
मुझ पर इलज़ाम झूठा है ….
मुझ पर इलज़ाम झूठा है ….
मोहब्बत की नहीं थी….
हो गयी थी
हिचकियों में वफ़ा
हिचकियों में वफ़ा को ढूँढ रहा था मैं..!
कमबख्त गुम हो गई…दो घूँट पानी से ..
हमने भी मुआवजे की अर्जी
हमने भी मुआवजे की अर्जी डाली है साहब,
उनकी यादों की बारिश ने काफ़ी नुकसान पहुँचाया है !!