लोग कहते है दुआ क़ुबूल होने का भी वक़्त होता है,
हैरान हूँ मैं किस वक़्त मैंने तुझे नही
Category: Zindagi Shayri
दर्द कहां मोहताज़ होता है
दर्द कहां मोहताज़ होता है शब्दों का.
बस दो आंसू ही काफ़ी है,
बयां करने को…..!!
मुहब्बत सा कोई
मुहब्बत सा कोई अहसास दस्तक हम पे देता है
किवाड़ों से हमीं बंद हैं, हमीं आलस के मारे हैं….
ज़िन्दगी में तन्हा हुँ
ज़िन्दगी में तन्हा हुँ तो क्या हुआ,
जनाजे में सारा शहर होगा देख लेना…
अभी रूप का
अभी रूप का एक सागर हो तुम..
कमल जितने चाहोगी खिल जायेंगे|
इन सूखे हुए लबों पर
इन सूखे हुए लबों पर कई अनकही बारिशें हैं..
तुम छू लेना इन्हें और बादलों में रिहा कर देना..
हम ज़माने से
हम ज़माने से इंतक़ाम तो ले
इक हँसी दरमियान है प्यारे
लफ़्ज़ों की शर्मिंदगी
लफ़्ज़ों की शर्मिंदगी देखने वाली थी !!
खत में मुझे उसने बोसे भेजे थे !!
खुदा जाने यह किसका
खुदा जाने यह किसका
जलवा है दुनियां ए बस्ती में
हजारों चल बसे लेकिन,
वही रौनक है महफिल की।
काश एक ख़्वाहिश
काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
तुम आ कर गले लगा लो मुझे,
मेरी इज़ाज़त के बगैर….!!