तेरे इख्तियार में क्या नहीं, मुझे इस तरह से नवाज दे
यूं दुआयें मेरी कूबूल हों, मेरे दिल में कोई दुआ ना हो
Category: Zindagi शायरी
उस बूढ़े शजर से
इस बार जो इन्धन के लिये कट के गिरा है
चिड़ियों को बड़ा प्यार था उस बूढ़े शजर से
सुकुन मिलता है
सुकुन मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतार कर
चीख भी लेता हूं और आवाज भी नही होती..