बहुत अजीब हैं

बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की…

कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है..!!

ज़माना हो गया

ज़माना हो गया बिस्मिल, तेरी सीधी निगाहों पे ,

खुदा ना ख्वास्ता, तिरछी नज़र होती, तो क्या होता !!!