आज मौसम ने भी

आज मौसम ने भी की बचकानी हरकत दो बून्द
कशिश के साथ बस एहसास दिलाकर
चला गया..
महसूस कुछ यूँ हुआ कि वो पास आकर
चला गया..!!

मोहलत लेकर आयेंगे

वादा करते हैं दोस्ती निभाएंगे कोशिश यही रहेगी तुझे ना सताएँगे

ज़रूरत पड़े तो दिल से पुकार ना

मर भी रहे होंगे तो मोहलत लेकर आयेंगे

तकलीफ दे तो

आदत’ बना ली है। मैंने खुद को तकलीफ देने की । ताकि जब कोई अपना । तकलीफ दे तो फिर ” तकलीफ ” न हो.