जब सूरज भी

जब सूरज भी खो जायेगा , और चाँद कहीं सो जायेगा.
तुम भी घर देर से जाओगे , जब इश्क तुम्हे हो जायेगा..

यादों का किस्सा

मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

वो पल भर की नाराजगियाँ,
और मान भी जाना पलभर में,
अब खुद से भी रूठूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं……….

लगता है हमारी

लगता है हमारी हथेली में love line है ही नही.. बचपन में जलजीरा चाटते चाटते उसको भी साफ कर गये थे…

कोई उसे खुश

कोई उसे खुश करने के बहाने ढूंड रहा था,
मैने कहा-
उसे मेरे मरने की खबर सुना दे…..