दिल दुखाती थी जो पहले अब रास आने लगी है
अब उदासी रफ़्ता-रफ़्ता दिल को भाने लगी है…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल दुखाती थी जो पहले अब रास आने लगी है
अब उदासी रफ़्ता-रफ़्ता दिल को भाने लगी है…!!
ज़िन्दगी क्या है जानने के लिए
ज़िंदा रहना बहुत ज़रूरी है
समझनी है जिंदगी
तो पीछे देखो,
जीनी है जिंदगी को
तो आगे देखो …..!!
एक तो सुकुन
और एक तुम,
कहाँ रहते हो आजकल ??
मिलते ही नही
अब तो पत्थर भी बचने लगे है मुझसे,
कहते है अब तो ठोकर खाना छोड़ दे !!
सजदों में भीगती है जिनकी आखे वो लोग छोटी बातो पर रोया नहीं करते |
ज़िंदगी में आईना..जब भी उठाया करो…
पहले खुद देखो फिर दिखाया करो..
सहम उठते हैं कच्चे मकान, पानी के खौफ़ से,
महलों की आरज़ू ये है की, बरसात तेज हो…
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते लेकिन,
कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती है जो पूरी उम्र याद रहता है !!
फकीरों की मौज का क्या कहना साहब,
राज ए मुस्कराहट पूछा तो बोले सब आपकी मेहरबानी है !!