बिकती है ना खुशी कही,ना कही गम बिकता है…
लोग गलतफहमी में है की,शायद कही मरहम बिकता है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बिकती है ना खुशी कही,ना कही गम बिकता है…
लोग गलतफहमी में है की,शायद कही मरहम बिकता है..
आज पास हूँ तो क़दर नहीं है तुमको,
यक़ीन करो टूट जाओगे तुम मेरे चले जाने से !!
हमने तो उनसे बेशुमार मोहब्बत की थी….
पर
उनके कुछ गुनाह ऎसे थे
की
आज उस मोहब्बत से बड़ी नफरत हो चुकी है..
यादों की किम्मत वो क्या जाने, जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं, यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो, यादों के सहारे जिया करते हैं.
कुछ फासले ऐसे भी होते हैं जनाब. जो तय तो नही होते, मगर नज़दीकियां कमाल की रखते है..
इश्क़ को नसीहत और बेटो को वसीयत की जरुरत तभी
पड़ती है, जब वो खुद बड़े कमजोर हो.
मैं शिकायत क्यों करूँ, ये तो क़िस्मत की बात है..!!
तेरी सोच में भी मैं नहीं, मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं.
मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है,
जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता।
वक़्त बदला तो बदल गये वो लोग,
जो महफ़िलो में सबसे अज़ीज़ आशना थे.!!
वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा
अनमोल होता है
जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा माहौल होता है