तू बात करने का मौका तो दे तेरी कसम,
रूला दूंगा तुजे तेरी ही गलतियाँ गिनाते गिनाते…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तू बात करने का मौका तो दे तेरी कसम,
रूला दूंगा तुजे तेरी ही गलतियाँ गिनाते गिनाते…
कौन कहता है दुआओ के लिए हाथो की जरुरत होती है कभी अपनी माँ की आँखों में झांक करके देखिये हुज़ूर
वो अनजान चला है, जन्नत को पाऩे के खातिर,
बेखबर को इत्तला कर दो कि माँ-बाप घर पर ही है..
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,…..
नफरत बता रही है
तूने मोहब्बत गज़ब की थी.
सूखे पत्तो की तरह बिखरा हुआ था मै,,
किसी ने बड़े प्यार से समेटा, और फिर आग लगा दी..!
गलतफहमियों के सिलसिले आज इतने दिलचस्प हैं,
कि हर ईंट सोचती है, दीवार मुझ पर टिकी है….
हार जाउँगा मुकदमा उस अदालत में, ये मुझे यकीन था,जहाँ वक्त बन बैठा जज और नसीब मेरा वकील था….!!!
इश्क़ तो बस नाम दिया है दुनिया ने,
एहसास बयां कोई कर पाये तो बात हो .
थोड़ा प्यार और भिजवा दो,
हमने फिजूलखर्ची कर ली है….।।
बुलंदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी…
पर गलत राहो से होकर जाऊ.. इतनी जल्दी भी नही..!!