शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी …!!
पर चुप इसलिये हु कि, जो
दिया तूने,वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता …!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी …!!
पर चुप इसलिये हु कि, जो
दिया तूने,वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता …!!
इतना संस्कारिक कलयुग आ गया है कि
लड़की कि विदाई के वक्त..
माँ बाप से ज्यादा तो मोहल्ले के लड़के रो देते है
यूँ तो शिकायतें तुझसे सैंकड़ों हैं मगर,
तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये…
बहोत कुछ छूट जाता है… “कुछ” पूरा करने में…
झूठ, लालच और फरेब से परे है, खुदा का शुक्र है आयने आज भी खरे है.”
जब वक़्त करवट लेता हैं ना, दोस्तों…!!
…तो बाजियाँ नहीं, जिंदगियाँ पलट जाती है..!
ऑनलाइन खरीदी रोके
परिवार के साथ बहार निकले
बाजार में रौनक होगी।
और पैसा बाहर नहीं जायेगा
भारत में रहेगा
मरते बाजार को जीवन दान दे।
तेरी जगह आज भी कोई नही ले सकता
खूबी तूजमे नही कमी मुझमें है
हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं।
तोडने वाले को भी खुशबू की सजा देते हैं।
तनहाई से नही …. शिकायत तो मुझे उस भीड से हैं …
जो तेरी यादो को मिटाने कि कोशिश में होती हैं …..