आँख से आंसू कैसे नीचे गिरने दूँ
उसकी यादें मिटटी में मिल जाएँगी
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आँख से आंसू कैसे नीचे गिरने दूँ
उसकी यादें मिटटी में मिल जाएँगी
बदलेँगे नहीँ ज़ज्बात मेरे तारीखोँ की तरह…
बेपनाह इश्क करने की ख्वाहीश उम्र भर रहेगी
मोहब्बत मै जबरदस्ती अच्छी नहीं होती
जब आपका दिल चाहे तब मेरे हो जाना
तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं…!
मैंने अपने दिल से तेरा
रिश्ता पुछा, कम्बखत कहता है,
जितना मैं उसका हूँ, उतना तेरा भी नहीं..
कौन चाहता है खुद को
बदलना..
किसी को प्यार तो किसी को नफरत बदल देती है..
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ
में रहे.,.
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे.,,
साखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम.,,
आंधी से
कोई कह दे के औकात में रहे.,.,!!!
एक दिन हम मिलेंगे सूखे गुलाबों में,
बारिश की बूंदों में, कलम में, किताबों में ।।
हवाओं की भी अपनी
अजब सियासत है …
कहीं बुझी राख……भड़का दे,
कहीं जलते दीये बुझा दे……
अजीब शख्स हूँ मैं, अजीब मिज़ाज़ में रहता हूँ..
…
कर देता हूँ खुश सबको पर खुद उदास रहता हूँ ।