साफ़ दिल से
मुलाक़ात की आदत डलों यारों
क्यूँ की घुल हटती है तो अाईने भी चमक उठते है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
साफ़ दिल से
मुलाक़ात की आदत डलों यारों
क्यूँ की घुल हटती है तो अाईने भी चमक उठते है
ज़िन्दगी के हाथ नहीं
होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र
याद रहता हैं
उमर बीत गई पर एक
जरा सी बात समझ में
नहीं आई…!!
हो जाए जिनसे मोहब्बत,वो लोग कदर
क्युँ नहीं करते…..!
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सा इतमिनान तो रख… जब
खुशियाँ ही नही ठहरीं तो ग़म की क्या औक़ात है..
मेरे दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ दोस्तों,
क्यूंकि राख के नीचे अक्सर आग दबी होती है!!
रोने की वजह न थी
हसनेका बहाना न था
क्यो हो गए हम इतने बडे
इससे अच्छा तो वो बचपन का
जमाना था!
सुनो मुझको खो दोगी तो पछताओगी बहुत …!
ये आखरी गलती तुम बहुत सोच-समझ कर करना …!!
सोने से पहले तुम्हे याद करलु
कोई दुआ हो जैसे पूरी करलु
ना जाने कौन मेरे हक में दुआ पढ़ता है
डूबता भी हु तो समन्दर उछाल देता है…
क्या खूब मेरे क़त्ल का तरीका उन्होंने इजाद किया
मर जाऊं हिचकियों से, इस कदर उन्होनें हमें याद किया