एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का,
एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।
Category: Whatsapp Shayri
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
रजामंद तुझे भी किया जायेगा….
फरमाईस बता तेरी क्या है
पैमाने-जाम तुझे भी दिया जायेगा……..
हवा के हौसले
हवा के हौसले ज़ंजीर करना चाहता है
वो मेरी ख़्वाहिशें तस्वीर करना चाहता है|
कर दुनिया की तरफदारी
कर दुनिया की तरफदारी हम ,
खुद के खिलाफ हो बैठे हैं ।
कोई लफ्ज़ मुहब्बत का
कोई लफ्ज़ मुहब्बत का, बता दे ऐ दोस्त
जो फ़रेब की चादर से लिपटा ना हो…..!!
दामन की सिलवटो पे
दामन की सिलवटो पे बड़ा नाज़ है हमें घर से निकल रहे थे कि बच्चा लिपट गया
फ़रार हो गई होती
फ़रार हो गई होती कभी की रूह मिरी बस एक जिस्म का एहसान रोक लेता है|
बस इक हवा का फेर है
बस इक हवा का फेर है वो भी #हवा हो जाएगा
मैं सोचता रह जाऊँगा मुझ में ये मुझ सा कौन है
तुम नहीं हो तो
तुम नहीं हो तो ,
कोई आरजू नहीं;
बातें नही; नींद नहीं…
जागे हुए है,
ख्वाब सारे;
सिमटती हुई रात के साथ…
ख़ुश हो ऐ दिल
ख़ुश हो ऐ दिल कि मोहब्बत तो निभा दी तू ने
लोग उजड़ जाते हैं अंजाम से पहले पहले