गर आदमी की नियत बुरी है समझो ,
जमाने में हैसियत उसकी बहुत बड़ी है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
गर आदमी की नियत बुरी है समझो ,
जमाने में हैसियत उसकी बहुत बड़ी है
रंग उन अनकही बातो का
आज भी हरा है
जाने कितने पतझड बीत गये….
हम तो बस सवाल है
जवाब अगर नही है,,तो आपका
संदेशा प्रेम का देता फिरता है वो
घर दिलों में सभी के ही बना देता है!
प्यासे जब भी पानी-पानी करते हैं।
दरिया वाले आना कानी करते है।।
मिलती है मौजूदगी उस खुदा की उसको
जिसने जर्रे जर्रे में ,क़तरे क़तरे में तलाशा है उसको ।
मेरे दिल का करार था वो जो अब कही खो गया….
मैं बाहर ढूँढता रहा उसे के वो मुझमे ही सो गया|
मुझे याद आ आ कर इतना बेचैन ना करो,
बस एक यही सितम काफी है की तुम साथ नहीं हो !!
कभी टूटा नहीं दिल से तेरी याद का रिश्ता,
गुफ्तगू हो न हो ख्याल तेरा ही रहता है !!
मेरी चादर तो छिनी थी शाम की तनहाई में,
बेरिदाई को मेरी फिर दे गया तशहीर कौन…