तू बिल्कुल चिलम सी कड़क
और
मैं बिल्कुल धुँआ धुँआ सा…
Category: Urdu Shayri
दिल तो कोई भी
दिल तो कोई भी बहला देता है,हुज़ूर को दिल दुखाने वाले पसंद हैं!
शिकायतें बचा कर
शिकायतें बचा कर रखिये,मोहब्बत अभी बाकी है।
जब से उसने बारिश में
जब से उसने बारिश में भीगना छोड़ दिया,
बादलों ने मेरे शहर में बरसना छोड़ दिया।
सिर्फ इतना उसे बता देना…
सिर्फ इतना उसे बता देना……!
मुझे आता नहीं भुला देना…
आरजू है कि एक बस तू
आरजू है कि एक बस तू हो या तेरा अहसास हो…
गर दोनो ना हो तो ना मै रहूँ ना मेरा अहसास हो..
तुम थक तो नहीं जाओगे
तुम थक तो नहीं जाओगे इन्तजार में तब तक .?
मैं मांग के आऊं खुदा से तुमको जब तक ..
आँख भर आयीं तुम्हारी ..
आँख भर आयीं तुम्हारी .. क्यों मुझे देख कर ….
भला पत्थर भी रोते हैं कभी शीशे के ज़ख़्मों पर
चोरी न करें
चोरी न करें,झूठ न बोलें तो क्या करें
चूल्हे पे क्या उसूल पकाएंगे शाम को…
मेरी झोली में
मेरी झोली में कुछ अल्फाज अपनी दुआओं के डाल दे ऐ दोस्त,
क्या पता तेरे लब हिलें,और मेरी तक़दीर संवर जाये…!!!